अग्निपुराण
अग्निपुराण में पुराणों के पांचों लक्षणों अथवा वर्ण्य-विषयों, सर्ग/प्रतिसर्ग, वंश, मन्वन्तर और वंशानुचरित का वर्णन है। सभी विषयों का सानुपातिक उल्लेख किया गया है। अग्नि पुराण के अनुसार इसमें सभी विधाओं का वर्णन है।
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