श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय-1
“अर्जुन ने कहा – हे अच्युत ! जब तक मैं युद्ध की कामना से खड़े हुए इन समस्त वीरों का निरीक्षण न कर लूँ एवं इस युद्ध में किन – किन वीरों के साथ मुझे युद्ध करना होगा और इस युद्ध में धृतराष्ट्र के दुर्बुद्धिपरायण पुत्रों के हितैषी एकत्रित योद्धाओं का अवलोकन न कर लूँ तब तक आप मेरे रथ को दोनों सेनाओं के मध्य खड़ा करें ।” (21-22-23)
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